प्रथम भगति संतन कर संगा |
दूसरि रति मम कथा प्रसंगा ||
गुर पद पंकज सेवा तीसरि भगति अमान |
चौथि भगति मम गुन गन करइ कपट तज गान ||
मंत्र जाप मम दृढ़ बिस्वासा |
पंचम भजन सो बेद प्रकासा ||
छठ दम सील बिरति बहु करमा |
निरत निरंतर सज्जन धर्मा ||
सातव सम मोहि मय जग देखा |
मोते संत अधिक करि लेखा ||
आठव जथा लाभ संतोषा |
सपनेहु नहिं देखहि परदोषा ||
नवम सरल सब सन छनहीना |
मम भरोस हिय हरष न दीना ||
नव महुं एकउ जिन्ह कें होई ।
नारि पुरूष सचराचर कोई ॥
मम दरसन फल परम अनूपा |
जीव पाइ निज सहज सरूपा ||
सगुन उपासक परहित निरत नीति दृढ़ नेम |
ते नर प्राण समान मम जिन के द्विज पद प्रेम ||
जय श्री नाथ जी महाराज की जय
ॐ शिव गोरख नाथ
जय श्री नाथ जी महाराज
परम पूज्य संत श्री भानीनाथ जी महाराज, चूरु
परम पूज्य संत श्री अमृतनाथ जी महाराज, फ़तेहपुर
परम पूज्य संत श्री नवानाथ जी महाराज, बऊधाम(लक्ष्मनगढ़-शेखावाटी )
परम पूज्य संत श्री भोलानाथ जी महाराज, बऊधाम(लक्ष्मनगढ़-शेखावाटी )
परम पूज्य संत श्री रतिनाथ जी महाराज, बऊधाम(लक्ष्मनगढ़-शेखावाटी )
जय श्री नाथ जी महाराज
परम पूज्य संत श्री भानीनाथ जी महाराज, चूरु
परम पूज्य संत श्री अमृतनाथ जी महाराज, फ़तेहपुर
परम पूज्य संत श्री नवानाथ जी महाराज, बऊधाम(लक्ष्मनगढ़-शेखावाटी )
परम पूज्य संत श्री भोलानाथ जी महाराज, बऊधाम(लक्ष्मनगढ़-शेखावाटी )
परम पूज्य संत श्री रतिनाथ जी महाराज, बऊधाम(लक्ष्मनगढ़-शेखावाटी )
Sunday, October 11, 2009
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